Delhi schools receive bomb threat: दिल्ली के कई स्कूलों को सोमवार सुबह बम की धमकी मिलने के बाद, छात्रों को तुरंत घर भेजा गया। आरके पुरम और पश्चिम विहार में स्थित स्कूलों से शुरू हुए इन धमकी भरे ईमेल ने सभी को हिला कर रख दिया। इस घटनाक्रम ने छात्रों, अभिभावकों और प्रशासन को सतर्क कर दिया है। आइए इस पूरी घटना को विस्तार से समझते हैं।
क्या है पूरा मामला ?
दिल्ली पुलिस के अनुसार, राजधानी के 40 से ज्यादा स्कूलों को सोमवार सुबह बम की धमकी भरे ईमेल मिले। इन स्कूलों में मदर मैरी स्कूल, ब्रिटिश स्कूल, सलवान पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) और कैम्ब्रिज स्कूल शामिल थे।
सबसे पहले धमकी भरे ईमेल आरके पुरम के DPS और पश्चिम विहार के GD गोयनका स्कूल को भेजे गए। DPS को सुबह 7:06 बजे, जबकि GD गोयनका को 6:15 बजे ईमेल प्राप्त हुआ।
धमकी भरे ईमेल में क्या लिखा था ? Delhi schools receive bomb threat
ईमेल में लिखा था:
“मैंने स्कूल की इमारतों में कई बम लगाए हैं। ये छोटे और बहुत अच्छे से छुपाए गए हैं। ये इमारत को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, लेकिन धमाका होने पर कई लोग घायल हो सकते हैं। अगर मुझे $30,000 नहीं मिले, तो मैं बम विस्फोट कर दूंगा।”
स्कूल प्रशासन और पुलिस की तत्परता
जैसे ही स्कूल प्रशासन को ईमेल प्राप्त हुआ, उन्होंने तुरंत छात्रों को घर भेज दिया और पुलिस को सूचना दी।
- पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं।
- डॉग स्क्वॉड और बम डिटेक्शन टीम ने स्कूलों की गहन जांच की।
- डीपीएस और जीडी गोयनका स्कूल में अब तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।
धमकियों का सिलसिला नया नहीं है
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली के स्कूलों को ऐसी धमकियां मिली हैं।
- पिछले हफ्ते, रोहिणी के वेदांतेश्वर ग्लोबल स्कूल को भी ऐसा ही ईमेल प्राप्त हुआ था, जो बाद में झूठा निकला।
- दो महीने पहले, दिल्ली और देशभर में स्थित कई सीआरपीएफ स्कूलों को भी इसी तरह की धमकियां दी गई थीं।
बम धमकी से निपटने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट की सख्ती
हाल ही में, दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार और पुलिस को बम धमकी और आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक समग्र कार्य योजना और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने का निर्देश दिया।
- हाई कोर्ट ने 8 सप्ताह की समय सीमा दी है।
- SOP में स्कूल प्रशासन, नगर निगम, पुलिस और अन्य एजेंसियों की भूमिका स्पष्ट होनी चाहिए।
अभिभावकों के लिए सलाह
बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखें और उन्हें सुरक्षित महसूस कराएं।
ऐसी घटनाओं के दौरान घबराने की बजाय सतर्क रहें।
स्कूल प्रशासन और पुलिस की दिशा-निर्देशों का पालन करें।